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चिकन गन से हवाई जहाज के इंजन पर मुर्गे क्यों फेंके जाते हैं?

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इसका कारण है , हवाई जहाज की सेफ्टी को देखते हुए चिकन गन से हवाई जहाज के इंजन पर मुर्गे क्यों फेंके जाते हैं। आइये इसे इस तरह समझते है। दरअसल जब हवाई जहाज उड़ान भरते है , तो पक्षियों का हवाई जहाज से टकरा जाना सबसे बड़ी समस्या में से एक है। ये अधिकतर तभी होता है , जब हवाई जहाज रनवे से उड़ान भरते है या फिर उतरते है। पक्षियों के टकराने से इंजन को नुकसान हो सकता है और बड़ी दुर्घटना भी ही सकती है।

पक्षियों के हवाई जहाज की सुरक्षा को देखते हुए हवाई जहाज निर्माता कंपनियां इंजन की सेफ्टी सुनिश्चित करने के लिए और ये जांचने के लिए की पक्षी टकराने पर कितना नुकसान पहुंचा सकते है , इंजन पर नकली पक्षी या कई बार मरे हुए मुर्गे फैंके जाते है। और शायद मुर्गे इसलिए की ये आसानी से उपलब्ध हो जाते है।

ज्यादातर यात्री विमान 800 से लेकर 900 किमी / घंटा की स्पीड से उड़ते है। तो इस स्पीड पर पक्षी के टकराव के इफेक्ट को देखने के लिए एक मशीन काम में ली जाती है जिसे चिकन गन कहा जाता है। इसमें डालकर मुर्गों या नकली पक्षी को इंजन पर फैंका जाता है।

इसके अलावा आजकल हवाई जहाज से पक्षियों को दूर रखने के लिए एयरपोर्ट के आसपास के पेड़ काट दिए जाते है। ताकि पक्षी एयरपोर्ट के पास न आए और गन फायरिंग का भी उपयोग किया जाता है।

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