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नई संसद को डिजाइन करने वाले वास्तुकार कौन हैं बिमल पटेल ?

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सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत देश को नया संसद भवन मिल चुका है, जिसका उद्घाटन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। 971 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ नया संसद भवन का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है। जहाँ तक कंपनी की बात की जाये तो नए संसद भवन को टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी ने बनाया है और इसको मशहूर वास्तुकार बिमल हसमुख पटेल ने डिजाइन किया है। आइए जानते हैं कि नई संसद को डिजाइन करने वाले वास्तुकार बिमल कौन हैं।

गुजरात के रहने वाले हैं बिमल पटेल
मशहूर वास्तुकार बिमल पटेल का जन्म 31 अगस्त, 1961 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई। उन्हें वास्तुकार बनने की प्रेरणा अपने पिता हसमुख चंदूलाल पटेल से मिली, जिन्होंने 1960 में HCP फर्म की स्थापना की थी और वो भी एक वास्तुकार थे। बिमल ने अहमदाबाद के सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी (CEPT) से 1984 में वास्तुकला में स्नातक की डिग्री हासिल की।

CEPT प्रमुख हैं बिमल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिमल ने वास्तुकला में अपनी पढ़ाई आगे भी जारी रखी और उन्होंने 1988 में आर्किटेक्चर और सिटी प्लानिंग में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। बिमल ने 1995 में बर्कले विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया से वास्तुकला में सिटी और रीजनल प्लानिंग में PhD पूरी की। बिमल ने CEPT विश्वविद्यालय के प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे हैं और उन्होंने इसी विश्वविद्यालय से वास्तुकला की पढ़ाई की थी। बिमल ने 2012 में विश्वविद्यालय प्रमुख का पद संभाला था।

बिमल ने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर किया है काम
बिमल HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक और प्रबंध निदेशक भी हैं। उन्होंने दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के अलावा वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट और पुरी में जगन्नाथ मंदिर के मास्टर प्लान का कार्य भी किया है। इसके अलावा उनकी कंपनी ने हैदराबाद में आगा खान अकादमी, मुंबई में अमूल डेयरी, चेन्नई में कंटेनर टर्मिनल और IIT जोधपुर के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई है।

बिमल को मिल चुके है इतने पुरस्कार
2019 में बिमल को वास्तुकला के क्षेत्र में मोदी सरकार ने उनके कार्यों के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें 2001 में विश्व वास्तुकला पुरस्कार और 1992 में आगा खान पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

वास्तुकला में बिमल को है 35 साल से अधिक का अनुभव
वास्तुकला के क्षेत्र में 35 साल से अधिक का अनुभव रखने वाले बिमल को उन्हें मोदी सरकार की ओर से देश में कई अहम परियोजनाओं का काम मिल चुका है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की शुरुआत दिसंबर, 2020 में हुई थी और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 2 किलोमीटर का ‘कर्तव्य पथ’ भी नए तरीके से बिमल ने ही डिजाइन किया था। गुजरात में भी बिमल ने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया है।

क्या है नए संसद भवन की खासियत?
वहीँ नए संसद भवन के खासियत की बात की जाये तो नए संसद भवन का डिजाइन त्रिकोणीय आकार का है। इसमें लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने का इंतजाम है। भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष बनाया गया है। संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, लाइब्रेरी, कैंटीन, समिति कक्ष और पार्किंग उपलब्ध है। नए संसद भवन में 3 प्रमुख प्रवेश द्वार बनाए गए हैं, जिनके नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखे गए हैं।

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