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UNSC क्या है और इसकी स्थायी सदस्यता क्यों है इतनी अहम

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यूनाइटेड किंगडम (UK) और फ्रांस ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इससे UNSC मौजूदा दुनिया का बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व कर पाएगा और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को होने वाले खतरों से अच्छी तरह से निपटा जा सकेगा। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि UNSC क्या है और इसकी स्थायी सदस्यता क्यों मायने रखती है।

आखिर क्या है UNSC और कब हुआ था इसका गठन?
UNSC संयुक्त राष्ट्र (UN) की छह प्रमुख संस्थाओं में से एक है। द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद 1945 में इसका गठन किया गया था। UNSC का उत्तरदायित्व अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। यह वैश्विक स्तर के तमाम मुद्दों और विवादों में महत्वपू्र्ण भूमिका अदा करती है और यह कोशिश करती है कि फिर से ऐसी परिस्थितियां पैदा न हों जिसके कारण एक और विश्व युद्ध या बड़ा संघर्ष हो।

UNSC में कौन-कौन होता है?
UNSC में एक समय पर कुल 15 सदस्य होते हैं। इनमें 10 अल्पकालिक अस्थायी सदस्य होते हैं, जिनका कार्यकाल दो साल का होता है। अभी भारत अस्थायी सदस्य के तौर पर इसमें शामिल है और इसका अध्यक्ष है। 10 अस्थायी सदस्य के अलावा UNSC में पांच स्थायी सदस्य होते हैं जो हमेशा इसके सदस्य बने रहते हैं। इन देशों में अमेरिका, रूस, UK, चीन और फ्रांस शामिल हैं। स्थायी सदस्यों के पास वीटो पॉवर समेत कई विशेष शक्तियां होती हैं।

क्या होती है वीटो पॉवर?
वीटो (Veto) लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘मैं अनुमति नहीं देता हूं’। वीटो का इतिहास काफी पुराना है और प्राचीन रोम में चुने हुए अधिकारियों के पास यह खास अधिकार होता था। इस अधिकार के जरिए वे रोम सरकार के किसी भी फैसले को रोक सकते थे। UNSC में वीटो पॉवर वाले देशों के पास किसी भी प्रस्ताव को ‘न कहने की शक्ति’ होती है, यानि वो अकेले दम पर प्रस्ताव को रोक सकते हैं।

क्यों की जा रही स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग?
जिस समय UNSC का गठन हुआ था, तब दुनिया की परिस्थितियां बिल्कुल अलग थीं और उसी हिसाब से स्थायी सदस्यों के नाम तय किए गए थे। अब परिस्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं और भारत समेत कई देश ऐसे हैं जो बेहद महत्वपूर्ण होने के बावजूद UNSC के स्थायी सदस्य नहीं हैं। इसके अलावा दुनिया के कई क्षेत्रों का UNSC में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इन्हीं कारणों से स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है।

भारत की स्थायी सदस्यता का कौन-कौन समर्थन करता है?
UNSC में सुधार के तहत भारत को स्थायी सदस्यता देने की मांग अक्सर उठती रहती है। अभी तक चार स्थायी सदस्य, अमेरिका, फ्रांस, UK और रूस, अलग-अलग समय पर कई बार भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं।
चीन एकमात्र ऐसा स्थायी सदस्य है जिसने अभी तक एक भी बार भारत की सदस्यता का समर्थन नहीं किया है। भारत के अलावा जापान और ब्राजील को भी स्थायी सदस्यता देने की मांग उठती रहती है।

यह विवाद भी अक्सर उठता रहता है कि 1950 के दशक में अमेरिका ने भारत को चीन की जगह UNSC का स्थाई सदस्य बनने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इससे मना कर दिया। हालांकि सच ये है कि अमेरिका ने ऐसा आधिकारिक प्रस्ताव कभी दिया ही नहीं था और अगर वह ऐसा करता भी तो इसके लिए UN चार्टर में बदलाव की जरूरत होती, जिसे चीन का मित्र रूस वीटो कर देता।

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