मानवता को झकझोर देने वाला यह दृश्य देखकर शायद आपकी आंखें नम हो जाए। इस वीडियो में गरीबी और भुखमरी से बेहाल एक शख्स सड़क पर एक्सीडेंट में मरे हुए जानवर का मीट खा रहा है। एक राहगीर से यह देखा नहीं गया, यह दृश्य उसके दिल को झकझोर दिया। उसके पास गाड़ी में रखा हुआ खाना इस भूखे गरीब को दिया और दोबारा उसे वह मीट खाने के लिए मना करता है। लॉकडाउन के चलते भूखे गरीब भिखारियो को खाना नहीं मिलने के कारण भूखे गरीब भिखारियो की स्थिति दयनीय है। 59 दिनों बाद भी भूखे गरीब भिखारियो का दर्द भरा सफर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
हाल ही में किसी हाईवे पर मरे हुए जानवर का शव खाने वाले भूखे इंसान का दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वायरल हो रहा ये वीडियो देश भर में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों पर टूटे संकट की सीमा को उजागर करता है। ऐसा माना जा रहा है कि यह विडियो दिल्ली-जयपुर हाइवे पर कहीं शूट किया गया है।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चूका है। जानकारी के अनुसार ये विडियो जयपुर के प्रद्युम्न सिंह नरुका द्वारा 18 मई को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। उनका दावा है कि उन्होंने शाहपुरा के पास एक शख्स को सड़क पर मरे हुए जानवर को खाते हुए देखा। नरुका उस आदमी के पास गया और उस आदमी को खाना खिलाया। नरुका ने फेसबुक पर भी लिखा, “शाहपुरा में मानवता उस समय शर्मसार हुई जब भूख के कारण एक मजदूर को मरा हुआ कुत्ता खाना पड़ा। इससे भी बुरी बात यह है कि किसी भी व्यक्ति ने अपना वाहन नहीं रोका और किसी ने भी उसकी मदद करने की आवश्यकता नही समझी। मैंने उसे खाने के लिए खाना और पीने के लिए पानी दिया।”
जयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर दिल्ली-जयपुर-अजमेर बायपास का ये वीडियो है. उन्होंने बताया कि वो मजदूर है या नहीं. इस बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है. हमने पूछा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि मेंटली अनस्टेबल होने के चलते वो व्यक्ति कच्चा मांस खा रहा हो। प्रधुम्न ने बताया कि उसकी बातों से ऐसा लग नहीं रहा था। उसने कुछ पैसे भी मांगे थे और बातों का जवाब भी दे रहा था. हालांकि उसके पहने कपड़े काफी अस्त-व्यस्त थे। लेकिन भूख के कारण उसकी हालत इतनी बुरी लग रही थी कि प्रधुम्न को खाना खिलाना ही प्राथमिकता लगी. उन्होंने अन्य बारीकियों पर गौर नहीं किया।
प्रधुम्न ने ये भी बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद से उस व्यक्ति की तलाश जारी है. प्रशासन के स्तर पर भी उसे खोजे जाने की बात प्रधुम्न ने कही है. थानों और पुलिस के बड़े अफसरों ने उनसे संपर्क किया, प्रधुम्न को जानकारी थी, उन्होंने वो पुलिस को बताई भी।
सोशल मीडिया पर इस वीडियों को लाॅकडाउन में प्रवासी मज़दूरों के पलायन से जोड़ कर देखा जा रहा है। अगर इस खबर पर सत्यता है तो यह मानवता को शर्मसार करने वाला वीडियों माना जायेगा। गौरतलाब है कि जब से मार्च में लॉकडाउन लगाया गया था, तब से प्रवासी मजदूरों और गरीबों की स्थिति खराब हो गई है। सैकड़ों और हजारों किलोमीटर पैदल चलने से लेकर उनकी दुर्घटनाओं तक, लाखों मजदूरों ने अपनी जान गँवा दी। ऐसे श्रमिकों और मजदूरों के रूप में देश में हताशा और लाचारी की कहानियाँ देखी जाती थीं। एक दर्जन से अधिक लोगों का रेलगाड़ियों से कुचलने के बाद रेलवे ट्रैक पर पड़े रोटी और मजदूरों के समान की तस्वीरें लोगों पर टूटने वाले संकट की कहानी बयान करती है। फिलहाल इस मामलें को भी इसी नज़रिये से देखा जा रहा है।
आप सभी से एक निवेदन करना चाहूंगा अपने आसपास सभी भूखे गरीब भिखारी को अन्न दे। क्योंकि उनका कोई नही है जिनका कोई नही है, उनके आप हो सकते हो।