जो क्रिएटर्स शॉर्ट वीडियो बनाते हैं वह यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) के लिये अप्लाई कर सकते हैं. अगर उनके पास 1,000 सब्सक्राइबर्स हैं

और 90 दिनों के भीतर 10 मिलियन व्यूज हैं या 12 महीने में 4,000 व्यूड आवर्स हैं तो ऐसे YouTube Shorts कमाई का साधन बन सकते हैं.

YouTube YPP स्टेज क्रिएटर के लिए भी आगे बढ़ाया जाएगा. YPP में अब एक नया लेवल मिलेगा, जहां कमाई करना आसान होगा.

इसमें फैन फंडिंग फीचर जैसे कि सुपर थैंक्स, सुपर चैट, सुपर स्टीकर और चैनल मेम्बरशिप जैसे को पाने के लिये शर्तें कम कर दी गई हैं.

इसके लिये वे साल 2023 में ज्वाइन कर सकेंगे. हालांकि यूट्यूब से पहले दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर ऐसी व्यवस्था की जा चुकी है. 

इंस्टाग्राम और मेटा स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लैटफोर्म भी शॉर्ट वीडियो क्रिएटर्स को उनके काम को मोनेटाइज करने की अनुमति देते हैं. 

मेटा प्रमुख मार्क जुकरबर्ग की योजना प्लैटफॉर्म के क्रिएटर्स के साथ रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल जोर देने की है. 

इससे ज्यादा से ज्यादा क्रिएटर्स प्लैटफॉर्म से जुड़ेंगे.

22 जुलाई को, मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर की एक रिपोर्ट ने 2030 तक शॉर्ट वीडियो मोनेटाइजेशन को $19 बिलियन तक बढ़ाने का अनुमान लगाया. 

इस वर्ष तक, फर्म ने अनुमान लगाया कि भारत में शॉर्ट वीडियो मोनेटाइजेशन केवल $150 मिलियन का था, 

जो इसमें YouTube का आधिकारिक आगमन था. सेक्टर को बेहतर बनाने में इससे मदद मिल सकती है.

हनीफ ने कहा कि YouTube अब विज्ञापनों को शामिल करेगा, जो उसके शॉर्ट्स फ़ीड पर वीडियो के बीच चलेंगे. 

भारत में शॉर्ट्स पर चलने वाले सभी विज्ञापनों से होने वाली कुल विज्ञापन आय महीने के अंत में जोड़ दी जाएगी 

और कार्यक्रम के लिए योग्यता प्राप्त करने वाले एलिजिबल क्रिएटर्स के बीच वितरित की जाएगी.