सर्वाधिक
गिद्ध पन्ना में
गिद्ध पन्ना में
भोपाल : प्रदेश में 14
मई को हुई राज्य-व्यापी गिद्ध गणना के द्वितीय चरण में 7000 गिद्ध पाये गये हैं।
सर्वाधिक 993 गिद्ध पन्ना जिले और संरक्षित क्षेत्र में 1133 गिद्ध पन्ना टाइगर
रिजर्व में मिले हैं। प्रथम चरण की गणना 23 जनवरी को हुई थी,
जिसमें 6900 गिद्ध मिले थे।
मई को हुई राज्य-व्यापी गिद्ध गणना के द्वितीय चरण में 7000 गिद्ध पाये गये हैं।
सर्वाधिक 993 गिद्ध पन्ना जिले और संरक्षित क्षेत्र में 1133 गिद्ध पन्ना टाइगर
रिजर्व में मिले हैं। प्रथम चरण की गणना 23 जनवरी को हुई थी,
जिसमें 6900 गिद्ध मिले थे।
प्रदेश के कुल
35 जिलों में गिद्धों की उपस्थिति पायी गयी है। पन्ना के बाद सबसे अधिक 681 गिद्ध
मंदसौर जिले में, 659 छतरपुर और 537 श्योपुर जिले में मिले हैं। संरक्षित
क्षेत्रों में गांधी सागर अभयारण्य में 661, कूनो वन्य-प्राणी वन मण्डल में 406 और बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व
में 229 गिद्ध पाये गये हैं। ग्रीष्म ऋतु होने से अधिकांश गिद्ध जल-स्रोतों के
आसपास मिले हैं।
35 जिलों में गिद्धों की उपस्थिति पायी गयी है। पन्ना के बाद सबसे अधिक 681 गिद्ध
मंदसौर जिले में, 659 छतरपुर और 537 श्योपुर जिले में मिले हैं। संरक्षित
क्षेत्रों में गांधी सागर अभयारण्य में 661, कूनो वन्य-प्राणी वन मण्डल में 406 और बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व
में 229 गिद्ध पाये गये हैं। ग्रीष्म ऋतु होने से अधिकांश गिद्ध जल-स्रोतों के
आसपास मिले हैं।
प्रथम गणना की
तुलना में कुछ स्थानों पर गिद्धों की संख्या में कमी और कुछ में वृद्धि देखी गयी।
उल्लेखनीय है कि जनवरी की गणना के दौरान प्रदेश में प्रवासी गिद्ध भी मौजूद थे,
जो वापस ठण्डे उत्तरी क्षेत्र में जा चुके हैं। ग्रीष्म ऋतु
में प्रदेश की 4 स्थानीय प्रजातियाँ देशी गिद्ध, राजगिद्ध, सफेद गिद्ध और चमर गिद्ध मिलीं। इनमें सफेद गिद्ध की संख्या
सर्वाधिक होने की उम्मीद है। गिद्धों का प्रजनन-काल नवम्बर से अप्रैल तक रहता है।
अत: ग्रीष्म ऋतु की गणना में अवयस्क गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी की संभावना
है।
तुलना में कुछ स्थानों पर गिद्धों की संख्या में कमी और कुछ में वृद्धि देखी गयी।
उल्लेखनीय है कि जनवरी की गणना के दौरान प्रदेश में प्रवासी गिद्ध भी मौजूद थे,
जो वापस ठण्डे उत्तरी क्षेत्र में जा चुके हैं। ग्रीष्म ऋतु
में प्रदेश की 4 स्थानीय प्रजातियाँ देशी गिद्ध, राजगिद्ध, सफेद गिद्ध और चमर गिद्ध मिलीं। इनमें सफेद गिद्ध की संख्या
सर्वाधिक होने की उम्मीद है। गिद्धों का प्रजनन-काल नवम्बर से अप्रैल तक रहता है।
अत: ग्रीष्म ऋतु की गणना में अवयस्क गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी की संभावना
है।
गणना से
प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण भारतीय वन प्रबंध संस्थान भोपाल द्वारा किया जायेगा।
इसके बाद एक सचित्र एटलस तैयार कर गिद्धों की संख्या वृद्धि के लिये रणनीति तैयार
की जायेगी।
प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण भारतीय वन प्रबंध संस्थान भोपाल द्वारा किया जायेगा।
इसके बाद एक सचित्र एटलस तैयार कर गिद्धों की संख्या वृद्धि के लिये रणनीति तैयार
की जायेगी।