अक्सर हम डॉक्टर के पास तब जाते हैं जब किसी बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं और तब हमें स्वास्थ्य समस्या का पता लगता है । ऐसी कई अवस्था होती है जिसमें शरीर में कोई लक्षण नहीं होते या महसूस नहीं होते । उच्च रक्तचाप ऐसी ही अवस्था है। इसीलिए उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” कहा जाता है। उच्च रक्तचाप यानि हाइपरटेंशन की समस्या कई लोगों में देखी जाती है । यदि रक्तचाप का स्तर काफी समय तक अधिक रहे तो इसका प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है ।
रक्तचाप का स्तर
- सामान्य रक्तचाप का स्तर -120 / 80
- उच्च रक्त चाप – 140 / 90 या अधिक होने पर
उच्च रक्तचाप : ख़तरे
- सभी अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव
- खासतौर पर मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे, आंखें अधिक प्रभावित
उच्च रक्तचाप का सही प्रबंधन करना जरुरी है जिससे इसकी वजह से होने वाली जटिलताओं से बचाव हो सके ।
उच्च रक्तचाप के रोगी : सावधानियां
- वज़न नियंत्रित रखें, मोटापे से बचें
- संतुलित आहार लें
- अधिक मात्रा में न खाएं
- वसायुक्त आहार से करें परहेज़
- नियमित व्यायाम करें
- आहार में नमक का प्रयोग कम करें
- खाना खाते समय टेबल पर नमक न रखें
- भोजन में ऊपर से नमक मिलाकर न खाएं
उच्च रक्तचाप होने पर व्यक्ति को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, वज़न नियंत्रित रखना और कुछ सावधानी रखना जरुरी हो जाता है ।