केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु नई दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा तैयार किये गये भारत के कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात की व्यावसायिक योजना और रणनीति पत्र का विमोचन करते हुए
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद (ईएससी) ने वर्ष 2022 तक सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ाकर 178 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंचाने के लिए एक रणनीति पत्र तैयार किया है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कल नई दिल्ली में इस रणनीति पत्र का विमोचन किया।
मंत्री महोदय ने भारत से कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीति तैयार करने हेतु यह पहल करने के लिए ईएससी द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की।
मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि भारत सरकार पारम्परिक बाजारों को निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ वैकल्पिक बाजारों जैसे कि अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और स्वतंत्र देशों के राष्ट्रकुल (सीआईएस) में कदम जमाने के लिए इस उद्योग को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आईसीटी निर्यात को और ज्यादा जीवंत बनाने तथा निर्यात पर फोकस करने के लिए और ज्यादा इकाइयों (यूनिट) को प्रेरित करने हेतु सरकार सक्रियतापूर्वक अनेक कदम उठा रही है।
रणनीति पत्र में उन नीतिगत बदलावों की जरूरत पर प्रकाश डाला गया है, जो अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका के साथ वीजा संबंधी समस्याओं को सुलझाना, यूरोपीय देशों में प्रोफेशनलों की पहुंच बढ़ाना, अमेरिका के साथ समग्रता समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर करना, इन्क्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना करना और प्रमुख आईटी हबों में भाषा प्रवीणता सुविधाएं इन नीतिगत बदलों में प्रमुख हैं।
सॉफ्टवेयर और आईटीईएस निर्यात का वर्तमान बिजनेस मॉडल आउटसोर्सिंग कार्य के लिए प्रासंगिक है। उभरते बाजारों जैसे कि अफ्रीका और मध्य-पूर्व के लिए एक भिन्न मॉडल की आवश्यकता है, क्योंकि भारत मुख्यत: उत्पाद सोल्यूशन्स की पेशकश करता है।
वैसे तो अमेरिका और यूरोप को सॉफ्टवेयर एवं आईटीईएस निर्यात की व्यापक संभावनाएं हैं, लेकिन छोटी कंपनियां अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं, क्योंकि नवाचार एवं तकनीकी क्षेत्र में अगुवाई करने में व्यापक अंतर देखा जा रहा है।
इस रणनीति पत्र में उन विशिष्ट नीतिगत उपायों, बाजार गन्तव्यों और अन्य उपयुक्त जानकारियों का भी उल्लेख किया गया है, जो भारत से सॉफ्टवेयर और सेवाओं के निर्यात में व्यापक बदलाव लाने में सक्षम हैं।
विवेकपूर्ण तरीके से सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर का सम्मिश्रण करना, नये निर्यात केन्द्र सृजित करना, राजकोषीय प्रोत्साहन देना और देश विशिष्ट सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन उपाय करना विशिष्ट उपायों में शामिल हैं।