13 साल बाद CBI ने बोफोर्स मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, एजेंसी ने प्राइवेट जासूस माइकल हर्शमेन के खुलासों के आधार पर लिया फैसला, जिसमें हर्शमैन ने तत्कालीन राजीव गांधी नीत कांग्रेस सरकार द्वारा जांच को बाधित करने का लगाया था आरोप।
सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्ष 2005 के आदेश को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की, जिसमें बोफोर्स तोप रिश्वत मामले में अभियुक्तों के खिलाफ सभी आरोप खारिज कर दिये गये थे। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के सभी जरूरी सबूत और महत्वपूर्ण दस्तावेज न्यायालय के समक्ष पेश किए हैं।
31 मई, 2005 के उच्च न्यायालय के फैसले में 64 करोड रूपये के रिश्वत मामले में यूरोप स्थित उद्योगपतियों हिन्दुजा ब्रदर्स सहित सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया था।