सी-डॉट के 34वें स्थापना दिवस के अवसर पर संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने अपने संदेश में कहा कि भारत सरकार का प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य देखरेख के क्षेत्रों में दूरस्थ प्रभाव वाले उत्पाद विकसित कर सकता है।
संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने दक्षेस और दुनिया के अन्य विकसित क्षेत्रों को निर्यात हेतु समुचित लागत में दूरसंचार उत्पादों के नवाचार व विकास के लिए सेंटर फॉर डेवलेपमेंट एंड टेलेमैटिक (सी-डॉट) का आह्वान किया। सी-डॉट के 34वें स्थापना दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि मशीन से मशीन के संचार के युग में, इंटरनेट से जुड़ी चीजें, 5जी, हाइपर स्पीड नेटवर्क संबंधी ज्ञान और आम आदमी के लिए समुचित दरों पर दूरसंचार अवसंरचना के विकास में सी-डॉट को एक मुख्य भूमिका निभानी होगी।
सी-डॉट के नये इनोवेशन ‘विधवन’ के लांच का उल्लेख करते हुए संचार मंत्री ने कहा कि निम्न नेटवर्क सिग्नल या नो-नेटवर्क वाले घरों और कार्यालयों जैसे स्थलों पर बार-बार सामने आने वाली कॉल ड्रॉप की समस्या के निदान के लिए इसे विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। उन्होंने सी-डॉट के स्थापना दिवस पर नियमित रूप से व्याख्यान श्रृंखला आयोजित करने, आईटी और इंजीनियरिंग क्षेत्र की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए विचार-विमर्श के लिए आकर्षित करने हेतु बधाई दी।
दूरसंचार विभाग में सचिव अरूणा सुंदरराजन ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान सरकार जिस तरह से डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे रही है उससे ही देश आगे बढ़ सकता है। सी-डॉट डिजिटल अवसंरचना के अग्रणीय आपूर्तिकर्ता के रूप में उभर सकता है। क्योंकि इसके पास इसे हासिल करने के लिए असाधारण प्रतिभाएं और गहरी क्षमताएं दोनों है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश 70 से 80 प्रतिशत दूरसंचार उपकरणों का आयात करता है।
सी-डॉट ‘डिजाइन इन इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया’ जैसी योजनाओं के माध्यम से देश में ही अग्रणी दूरसंचार उपकरणों को विकसित करके आयात बिल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र की भूमिका की सराहना करते हुए सचिव ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में टेलीफोनी विनिमय के बाद देश अब स्थानीय अनुसंधान एवं विकास और स्थानीय उत्पादों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सी-डॉट संचालित जी-पॉन की अब तक की सबसे व्यापक ब्रॉडबैंड क्नेक्विटी का साक्षी है।
सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) भारत सरकार का दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास केंद्र है। इसकी स्थापना एक स्वायत्त संस्था के रूप में अगस्त 1984 में की गयी थी। इसे भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक दूर संचार प्रौद्योगिकी विकसित करने का संपूर्ण अधिकार तथा पूर्ण स्वतंत्रता दी गयी। इसका मुख्य उद्देश्य दूर संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना करना है।